Monday 15 April 2013

बेचारा बड़ा आदमी


बेचारा वह बड़ा आदमी

उठने में सूरज से हारा ,
फिर भी हैंगोवर का मारा ,
कई किलोमीटर की जागिंग से भी
चढ़ा न उसके तन का पारा .

बेचारा वह बड़ा आदमी
पकड़  ट्रेड मिल खड़ा  आदमी ,

पाले है सत्तर बीमारी ,
बीपी-शुगर पड़ रहे भारी ,
हलवा पूड़ी ,छप्पन भोग
छोड़ खाय उबली तरकारी .

बेचारा वह बड़ा आदमी ,
जीवन से भी डरा आदमी .

इनकम टैक्स वैट  का चक्कर ,
कस्टम वालोँ  से भी टक्कर
काले को सफ़ेद करने में
रोज़ चूर हो जाना थक कर .

दस पचड़ोँ  में पड़ा  आदमी ,
बेचारा वह बड़ा आदमी ,

बीवी की लम्बी फरमाईश ,
नापसंद बेटी की च्वाइस
जूते पर कब्जा कर बैठे
बेटे से भी जोर आजमाइश .

बस कॉलर का कड़ा आदमी
बेचारा वह बड़ा आदमी .

- ओम प्रकाश तिवारी